क्या भारत में गैंबलिंग / जुआ खेलना हो गया है कानूनी? ॥GST Council Meeting 2023



खबर में क्यों? :- हाल ही में नई दिल्ली में GST Council की 50वीं बैठक हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस बैठक की अध्यक्षता की। सीतारमण ने मंगलवार शाम प्रेस ब्रीफिंग कर मीटिंग में लिये गए फैसलों की जानकारी दी।
  • जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसिनो की फुल वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर सहमत हो गई है।
  • साथ ही अब सिनेमाहॉल में खाना सस्ता होगा। जीएसटी काउंसिल ने सिनेमाहॉल में खाने-पीने के सामान पर जीएसटी कटौती का फैसला लिया है। जीएसटी काउंसिल ने सिनेमाहॉल में सर्व होने वाले खाने पर टैक्स को घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
  • इसके अलावा अब कैंसर की इंपोर्टेड दवा पर IGST नहीं लगेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन को भी मंजूरी दी गई है।

🔸इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि अब से ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ से की गई कमाई से अब आपको टैक्स देना पड़ेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा। यह टैक्स पूर्ण अंकित मूल्य पर लगाया जाएगा।
🔹टैक्स की रेट मंत्रियों के एक समूह की सिफारिश के आधार पर तय की गई है जो कैसिनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने पर विचार कर रही थी।
🔸मंत्रियों के समूह के सामने मुद्दा यह था कि क्या दांव के अंकित मूल्य, या सकल गेमिंग राजस्व, या सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए। जिसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि टैक्स पूरी कीमत पर लगाया जाएगा।

What is GST :- 1999 में प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके आर्थिक सलाहकार पैनल के बीच एक बैठक के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का आग्रह किया गया और इसे आगे बढ़ाया गया। श्री वाजपेयी ने जीएसटी मॉडल विकसित करने के लिए पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता द्वारा निर्देशित एक समिति की स्थापना की। 
फरवरी 2006 तक काम चलता रहा। इसे अंततः 1 जुलाई 2017 को निष्पादित किया गया था और यह राज्य और केंद्र के माध्यम से अप्रत्यक्ष कर जैसे वैट, उत्पाद शुल्क इत्यादि के आधार पर है, भारत सरकार ने वास्तव में जीएसटी के दिशानिर्देशों को प्रशासनिक करने के लिए एक जीएसटी अधिकारी बनाया था।


What is GST Council Meeting :-  जीएसटी अधिकारी भारत में जीएसटी नियमों के कार्यान्वयन का नियंत्रक निकाय है। वे जीएसटी में आवश्यक निर्णय और संशोधन करना अपने कर्तव्य के रूप में काम करते हैं। जीएसटी अधिकारी को जीएसटी ढांचे के अधीन कर की दर, कर छूट नियम, जीएसटी फॉर्म प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि, कर संबंधित कानून और अंतिम तिथि के साथ- साथ भारत में कुछ राज्यों के लिए विशेष विशेषाधिकारों का पता लगाने का अधिकार है। .
🔸जीएसटी अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि पूरे भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की एक स्थिर दर लागू होनी चाहिए।

• इसकी स्थापना राष्ट्रपति द्वारा संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A(1) के अनुसार की गई थी।

⚫ सदस्य:
परिषद के सदस्यों में केंद्र से केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) शामिल हैं। • प्रत्येक राज्य वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या किसी अन्य मंत्री को सदस्य के रूप में नामित कर सकता है।

🔘कार्य:
. संविधान के अनुच्छेद 279 के अनुसार, परिषद जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघ और राज्यों को सिफारिशें कर सकती है, जैसे जीएसटी के अधीन या छूट प्राप्त वस्तुओं और सेवाओं, मॉडल जीएसटी कानूनों पर।

🔹भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 के साथ- साथ अनुच्छेद 279A देश के वित्तीय प्रावधानों से संबंधित है।

वे विशेष रूप से "शुद्ध आय" की गणना से संबंधित हैं

वस्तुओं पर क्रमशः संघ शुल्क एवं कर तथा वस्तु एवं सेवा कर परिषद का गठन। यह जीएसटी के विभिन्न दर स्लैब पर भी निर्णय लेता है।


इन गेम्स पर देना होगा आपको GST चार्ज - 

अगर आप सट्टेबाजी जैसे ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं तो आपको जीएसटी चार्ज देना होगा, उदाहरण के लिए Junglee Rummy, Dream11 और 10cric जैसे गेम्स. आसान भाषा में समझाएं तो ऐसे ऑनलाइन गेम्स जिसमें आप पैसे लगाकर गेमिंग करते हैं और पैसे जीतते हैं, ऐसे गेम्स पर आपसे जीएसटी लिया जाएगा.

कितने रुपये पर कितना GST? - 

उदाहरण के लिए अगर आप 100 रुपये किसी बेटिंग गेम में जीतने के मकसद से लगाते हैं तो आपको 100 रुपये की इस राशि पर 28 फीसदी का जीएसटी चार्ज देना होगा, यानी आपको 128 रुपये चुकाने होंगे.

इन गेम्स पर नहीं लगेगा जीएसटी - 

उन ऑनलाइन गेम्स के लिए जीएसटी चार्ज नहीं लिया जाएगा जिनमें किसी भी तरह से वित्तीय लेन-देन शामिल नहीं है. गौर करने वाली बात यहां यह है कि ऑनलाइन PC Games या फिर Epic Games जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए गेम्स खरीदने पर आपको किसी भी तरह का कोई जीएसटी चार्ज नहीं देना होगा. इसके अलावा अगर आप बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (PUBG) जैसे बैटल रॉयल गेम्स खेलते हैं तो इन गेम्स को अभी 28 फीसदी के जीएसटी दायरे में नहीं लाया गया है क्योंकि इनमें प्लेयर्स किसी भी तरह से कोई वित्तीय लेन-देन नहीं करते हैं.

Gaming Industry's कि प्रतिक्रिया - 

🔸जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी दर बढ़ाते हुए 28 फीसदी लागू कर दी है. इससे ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है. फैसले को लेकर इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह असंवैधानिक और तर्कहीन है. इस कदम को इंडस्ट्री को खत्म करने के साथ ही जॉब खत्म हो जाएंगी. इंड्स्ट्री लीडर्स ने जीएसटी परिषद और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.
🔸All India Gaming Federation के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि यह निर्णय 60 वर्षों से अधिक के स्थापित कानूनी न्याय की अनदेखी करता है और सट्टा गतिविधियों के साथ ऑनलाइन स्किल गेमिंग को जोड़ देता है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जीएसटी परिषद का यह निर्णय असंवैधानिक, तर्कहीन है. यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी.
🔸फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) के महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य ने कहा कि वे निराश हैं कि जीएसटी परिषद और अधिकारियों ने पुरस्कार राशि सहित कुल एंट्री अमाउंट पर 28% जीएसटी लागू करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि कुल रिटर्न पर टैक्स के मूल्यांकन
में बदलाव से इंडस्ट्री को भारी क्षति होगी. लाखों कुशल इंजीनियरों के लिए रोजगार का नुकसान होगा. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि यह निर्णय यूजर्स को अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर ट्रांसफर कर देगा, जिससे यूजर्स का जोखिम बढ़ेगा और सरकार को राजस्व का नुकसान होगा इंडियाप्लेज के सीओओ आदित्य शाह ने कहा कि 28% टैक्स की दर गेमिंग इंडस्ट्री के लिए चुनौतियां लाएगी. यह हायर टैक्स का बोझ कंपनियों के कैश फ्लो को प्रभावित करेगा, जिससे इनोवेशन, रिसर्च और बिजेनेस विस्तार में निवेश की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी. स्किल्ड बेस्ड गेम और कैसीनो या सट्टेबाजी ऐप्स के बीच बारीक लाइन है और उनके साथ एक जैस व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।