खबरों में क्यों? :- 

                          हाल ही में BrahMos Aerospace के CEO और MD अतुल दिनकर ने The Week को दिये गये एक Interview के दौरान दिनकर जी ने द वीक मैगजीन से इस मिसाइल की खूबियों और क्षमताओं पर बात करते हुए की कहा कि  भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल  को  "देश का ब्रह्मास्त्र" कहा जा सकता है। यह किसी भी सशस्त्र बल में शामिल इकलौती सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ये मिसाइल इतनी खास है कि चीन में तैनात S- 400 एयर डिफेंस सिस्टम भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और तो और पश्चिमी देशों के साथ कई NATO देश भी इस मिसाइल को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखा चुके हैं।

🔺 इंटरव्यू के दौरान अतुल ने बताया कि जब उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की शुरुआत की थी, तब दुनिया में ऐसी कोई डिफेंस प्रणाली नहीं थी जो इसका सामना कर सके। हालांकि, अब उन्होंने कुछ ऐसे एंटी-मिसाइल सिस्टम्स के बारे में सुना है जो काफी एडवांस्ड हैं, लेकिन ब्रह्मोस के ऑपरेशन पर ये कितना असर डाल सकते हैं, इसे लेकर ज्यादा साक्ष्य नहीं मिले हैं। यूरोप में चल रहे हालात बेहतर होने के बाद हमें रूस से ब्रह्मोस मिसाइल के लिए कुछ ऑर्डर मिल सकते हैं।



क्या है BrahMos? :-
                                BrahMos दुनिया की अब तक की अपनी श्रेणी की एकमात्र Supersonic Cruise Missile है। 
🔘 BrahMos भारत 🇮🇳 और Russia 🇷🇺 के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई Supersonic श्रेणी की Missile है। 
🔘 BrahMos का विकास को लेकर भारत 🇮🇳 की DRDO (Defense research and development organization / डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) और फ्रांस🇷🇺 की Russian Federation's NPOM के बीच 1998 में एक deal हुईं जिसके द्वारा इसे संयुक्त रूप से Design & Develop किया गया। 



🔸भारतीय सेना को 2007 में पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल मिली, फरवरी 2011 में इंडियन आर्मी ने 3000 करोड़ रुपये के ब्रह्मोस मिसाइल के ऑर्डर दिए।
🔸मार्च 2013 तक इंडियन नेवी और एयरफोर्स ने 6800करोड़ रुपये के ब्रह्मोस के ऑर्डर दिए।
🔹फिलहाल यह भारत की तीनों सेनाओं में पूर्ण रूप से induct हो चुकी है।